बौद्ध साहित्य [भाग -2]
गैर–विहित बौद्ध साहित्य।
- पालि में गैर-विहित बौद्ध साहित्य में मिलिंदपन्हा शामिल है जिसमें राजा मिलिंद- इंडो-ग्रीक मेनेंडर और भिक्षु नागसेन के बीच विभिन्न दार्शनिक मुद्दों पर एक संवाद शामिल है।
- नेट्टीगंधा या नेट्टीपाकरण उसी अवधि से संबंधित है और बुद्ध की शिक्षाओं का एक जुड़ा खाता देता है।
- टिपिटका पर भाष्य में बुद्धघोष की 5वीं शताब्दी की कृति शामिल है।
- बुद्ध की पहली जुड़ी हुई जीवन कहानी निदानकथा (पहली शताब्दी) में मिलती है।
- पाली या श्रीलंकाई इतिहास- दीपवंश (चौथी-पांचवीं शताब्दी) और महावंश (5वीं शताब्दी)- बुद्ध के जीवन, बौद्ध परिषदों, मौर्य सम्राट अशोक, श्री लंका, और उस द्वीप पर बौद्ध धर्म का आगमन।