UPSC दैनिक महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर 23 अगस्त 2022 Gkseries टीम द्वारा रचित UPSC उम्मीदवारों के लिए बहुत मददगार है |
1. अभिकथन (A) : डायबिटीज इन्सिपिडस से पीड़ित व्यक्ति को प्यास लगती है।
कारण (R) : डायबिटीज इन्सिपिडस वाला व्यक्ति वैसोप्रेसिन के अधिक स्राव से पीड़ित होता है।
A. A और R दोनों व्यक्तिगत रूप से सत्य हैं और आर ए की सही व्याख्या है।
B. A और R दोनों व्यक्तिगत रूप से सत्य हैं लेकिन आर ए की सही व्याख्या नहीं है।
C. A सच है लेकिन R झूठा है।
D. A झूठा है लेकिन R सच है।
उत्तर—C
व्याख्या-कथन सही है लेकिन कारण गलत है।
वैसोप्रेसिन की कमी से डायबिटीज इन्सिपिडस होता है। इस रोग में रोगी भारी मात्रा में पतला मूत्र उत्पन्न करता है और रोगी को प्यास लगती है।
2.मानव शरीर के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. सामान्य पित्त नली अपनी सामग्री को पेट में छोड़ती है।
2. अग्नाशयी वाहिनी अपनी सामग्री को ग्रहणी में छोड़ती है।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. दोनों 1 और 2
D. कोई नहीं
उत्तर—B
व्याख्या-पित्त नलिकाएं और अग्न्याशयी वाहिनी दोनों अपनी सामग्री को ग्रहणी में छोड़ते हैं। पाचक एंजाइम (अग्नाशयी रस) अग्नाशयी वाहिनी से ग्रहणी को मुक्त करता है।
3.भारत के निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में शेल गैस संसाधन पाए जाते हैं?
1. खंभात बेसिन
2. कावेरी बेसिन
3. कृष्णा-गोदावरी बेसिन
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
A. केवल 1 और 2
B. केवल 3
C. केवल 2 और 3
D. 1,2 और 3
उत्तर—D
व्याख्या- गुजरात के मेहसाणा, अहमदाबाद और भरूच जिलों में कैम्बे बेसिन में शेल गैस, तमिलनाडु के नागपट्टिनम में कावेरी बेसिन और आंध्र प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में केजी बेसिन में शेल गैस की उपस्थिति के लिए अनुसंधान प्रक्रियाधीन है।
संदर्भ: आर्थिक सर्वेक्षण 2013 के अनुसार, पृष्ठ 196।
4.निम्नलिखित में से किसने सबसे पहले कहा था कि पृथ्वी गोलाकार है?
A. अरस्तू
B. कॉपरनिकस
C. टॉलेमी
D. स्ट्रैबो
उत्तर—A
व्याख्या- अरस्तू 340 ई.पू. पहली बार कहा गया है कि पृथ्वी उनकी पुस्तक “ऑन द हेवन” में गोलाकार है।
5.यदि किसी प्रेक्षक द्वारा तारों को क्षितिज के लंबवत ऊपर उठते हुए देखा जाता है, तो वह किस पर स्थित होता है:
A. भूमध्य रेखा
B. कर्क रेखा
C. दक्षिणी ध्रुव
D. उत्तरी ध्रुव
उत्तर—A
व्याख्या – यदि किसी प्रेक्षक द्वारा तारों को क्षितिज के लंबवत ऊपर उठते हुए देखा जाता है तो प्रेक्षक भूमध्य रेखा पर होता है क्योंकि आकाशीय भूमध्य रेखा पृथ्वी के भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर आकाश के चारों ओर एक काल्पनिक वृत्त है। यह हमेशा ध्रुव से 90° की दूरी पर होता है। सभी तारे आकाशीय भूमध्य रेखा के समानांतर पथ में घूमते हैं।