संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने बहुभाषावाद पर एक भारत-प्रायोजित प्रस्ताव अपनाया है जिसमें पहली बार हिंदी भाषा का उल्लेख किया गया है।
प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र से हिंदी सहित आधिकारिक और गैर-सरकारी दोनों भाषाओं में महत्वपूर्ण संचार और संदेशों का प्रसार जारी रखने का आग्रह किया गया है। प्रस्ताव में पहली बार बांग्ला और उर्दू के अलावा हिंदी भाषा का उल्लेख किया गया है। बहुभाषावाद को संयुक्त राष्ट्र के मूल सिद्धांत के रूप में स्वीकार किया जाता है