ट्रेजरी बिल
- ट्रेजरी बिल भारत सरकार या किसी भी देश के केंद्रीय प्राधिकरण के अल्पकालिक (एक वर्ष तक) उधार लेने वाले साधन हैं जो निवेशकों को अपने बाजार जोखिम को कम करते हुए अपने अल्पकालिक अधिशेष धन को पार्क करने में सक्षम बनाते हैं।
- इनकी नीलामी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा नियमित अंतराल पर की जाती है और अंकित मूल्य पर छूट पर जारी की जाती है।
- बिल बाजार भारत में मुद्रा बाजार का एक उप बाजार है। बिल दो प्रकार के होते हैं अर्थात।
- ट्रेजरी बिल और वाणिज्यिक बिल। जबकि ट्रेजरी बिल या टी-बिल केंद्र सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं; वाणिज्यिक बिल वित्तीय संस्थानों द्वारा जारी किए जाते हैं।’
- T-बिलों का अन्य बिलों पर लाभ होता है जैसे कि उनसे जुड़े शून्य जोखिम भार।
- वे सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं और सॉवरेन पेपर्स में शून्य जोखिम होता है, उच्च तरलता क्योंकि 91 दिन और 36 दिन अल्पकालिक परिपक्वता होते हैं।