जहां तक सरकार के प्रमुख स्मार्ट सिटी मिशन के तहत धन के उपयोग का संबंध है, तमिलनाडु राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है। तमिलनाडु ने केंद्र द्वारा जारी 4333 करोड़ रुपये में से 3932 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश 3142 करोड़ रुपये के केंद्रीय शेयर में से 2699 करोड़ रुपये के उपयोग के साथ दूसरे स्थान पर है। 8 जुलाई 2022 तक, केंद्र ने 100 स्मार्ट शहरों के लिए 30,751.41 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिसमें से 27,610.34 करोड़ रुपये (90%) का उपयोग किया जा चुका है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित राज्यों ने भी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत परियोजनाओं पर बड़ी रकम खर्च की है।
जहां कर्नाटक ने 2618 करोड़ रुपये की केंद्रीय रिलीज से 2420 करोड़ रुपये का उपयोग दर्ज किया, वहीं महाराष्ट्र ने केंद्र द्वारा कुल 2454 करोड़ रुपये की रिलीज में से 2453 करोड़ रुपये का उपयोग किया।
8 जुलाई 2022 तक, इन स्मार्ट शहरों ने 1,90,660 करोड़ रुपये की 7,822 परियोजनाओं को निविदा दी है; 1,80,996 करोड़ रुपये की 7,649 परियोजनाओं में कार्य आदेश जारी किए गए हैं; 66,912 करोड़ रुपये की 4,085 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। एससीएम के कार्यान्वयन की अवधि जून 2023 तक है और सभी स्मार्ट शहरों से निर्धारित समय के भीतर अपनी परियोजनाओं को पूरा करने की उम्मीद है।